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प्रिय मित्रो
मेरे पहले ब्लॉग क्या लिखू ? को प्रकाशित हुए काफी समय हो चुका हैI इस बीच कई बार मन हुआ कि मन के विचारो को शब्दों और वाक्यों में ढालू लेकिन समय की समस्या और टाइपिंग न आने की के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका I मै आपको बताते चलूँ कि मुझे टाइपिंग नहीं आती थी और मैंने अपना पहला ब्लॉग एक ऊँगली से ही लिखा था इसी कारण मेरा पहला ब्लॉग बहुत छोटा है I मै बहुत दिनों से सोच रहा था की बिना टाइपिंग सीखे मै अपना ब्लॉग कैसे लिखूंगा ? जैसा कि मैंने अपने पहले ब्लॉग में लिखा था कि मै अपनी अध्यात्मिक यात्रा के अनुभव आपके साथ बाँटूगा, एक अनोखा अनुभव आपके साथ बाँटने जा रहा हूँ i मेरा विश्वास है की अध्यात्मिक उन्नति प्रतिदिन के जीवन में दिखाई पढनी चाहिए I अपने इस ब्लॉग में मै अपने उस अनुभव को आपके सामने रखूँगा जो अध्यात्मिक उन्नति को दैनिक जीवन में प्रदर्शित करती है I
डिवाइन रेकी सेण्टर लखनऊ से २००४ में मैंने रेकी १ सीखी थी लेकिन आवश्यक अभ्यास नहीं कर सका था I पिछले दिनों ९ से ११ सितम्बर तक एक बार फिर मै वहां गया और डिग्री २ की सुसंगता प्राप्त कीI लौट कर मैंने अपने अनुभव आपके साथ बटने की तीव्र इछ्छा महसूस की और मैंने तय किया की मुझे फ़ौरन ही टाइपिंग सीखनी होगीI मै आपको बताते चलूँ कि इश्वर की कृपा से मै एक मेमोरी एक्सपर्ट भी हूँ और २००५ से याद करने के तरीके विकसित करने के क्षेत्र में कार्य कर रहा हूँ I कहा जाता है कि आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है तो मै इंग्लिश टाइपिंग में किस ऊँगली से कौन कौन से letters टाइप करने होते है यह याद करने का तरीका ईजाद करने में जुट गयाI ईश्वर की कृपा से कुछ ही घंटो में system develop हो गया और २४ घंटो में मैंने सभी letters याद कर लिए I यह ब्लॉग मै अपनी सभी उंगलियों का प्रयोग कर के unicode software का प्रयोग कर के लिख रहा हूँ i यद्यपि अभी मेरी स्पीड नहीं बन सकी है लेकिन मुझे विश्वास है की कुछ ही blogs लिखने के बाद मेरी स्पीड बन जाएगी और मै अपने दूसरे अनुभव भी आपके साथ बाँट सकूँगा I
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